सड़क_दुर्घटना_में_डुमरी_के_प्रवासी_मजदूर_निशाद_की_ महाराष्ट्र_में_मौत
सड़क_दुर्घटना_में_डुमरी_के_प्रवासी_मजदूर_निशाद_की_ महाराष्ट्र_में_मौत
गिरिडीह:प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है।
इसी क्रम में गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र अंतर्गत परसाबेडा के मजदूर की महाराष्ट्र के कसारा में शनिवार सुबह को सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी।मिली जानकारी के अनुसार डुमरी थाना क्षेत्र अंतर्गत परसाबेडा निवासी अब्दुल मोबीन उर्फ ढेलका के 23 वर्षीय पुत्र निशाद अंसारी की सड़क हादसे में मौत हो गयी। मौत की सूचना मिलते ही परिजनो का रो-रोकर बुरा हाल है तो वहीं गांव में शोक का माहौल हैं।मृतक निशाद अंसारी महाराष्ट्र में हाइवा ड्राइवर के रूप में कार्यरत था।
वह घर का एकलौता कमाऊ व्यक्ति था। मृतक अपने पीछे पत्नी निखत परवीन,एक माह का दो जुडवा पुत्र को छोड़ गया।इस घटना को लेकर प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली संवेदना प्रकट करते हुए करते हुए कहा कि झारखंड के नौजवानों की मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है।इससे पहले भी कई लोगों की मौत हो चुकी है।रोजी-रोटी की तलाश में परदेस गये प्रवासी झारखंडी मजदूरों की मौत का सिलसिला जारी है। हर रोज झारखंड के किसी न किसी इलाके से प्रवासी मजदूर की दूसरे राज्यों या विदेश में मौत की खबरें आ रही है।
प्रवासी मजदूरों की सबसे ज्यादा तादाद गिरिडीह,बोकारो और हजारीबाग जिले से रोजी कमाने गये लोगों की है।अपना घर छोड़कर परदेस गये इन मजदूरों की जिंदगी तो कष्ट में बीतती ही है, मौत के बाद भी उनकी रूह को चैन नसीब नहीं होता है।किसी की लाश हफ्ते भर बाद आती है,तो किसी को ढाई से तीन महीने भी लग जाते हैं। ऐसे में सरकार को रोज़गार के ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।ताकि मजदूरो का पलायन रोका जा सके।